Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
दिन भर का...

दिन भर का थका सूरज साँझ की चादर ओढ़े धीमे धीमे रात के अंधेरे में गुम ज़रूर हो जाता है मगर सुबह फिर एक नए जोश एक नयी उमंग के साथ जाग जाता है अपनी अंगिनित किरणें फिर उसी जोश से बिखेर देता है एक नया उजाला देने कोयही उसका किरदार है उसे रोशनी अंधेरों को पार कर के ही मिलती है ! ...सोनल

By Sonal Bhatia Randhawa
 115


More hindi quote from Sonal Bhatia Randhawa
1 Likes   1 Comments
2 Likes   1 Comments
2 Likes   1 Comments

Similar hindi quote from Abstract