कलम बनी है जरिया बातें हैं दिल की राज़ बताने सारे शायरा बनी ये लड़की
Share with friendsएक रहम कर ए-ख़ुदा मुझ पर, मुझे तालीम-ए-किरदार अता कर दे... बेघर परिंदा हूं मैं अपने कदमों में घर अता कर दे, अपना एक कतरा तू मुझ में शामिल कर ए ख़ुदा... कब्र को अपनी रोशन करूं ऐसी जिंदगी अता कर दे।