Chandresh Kumar Chhatlani
Literary General
AUTHOR OF THE YEAR 2019 - NOMINEE

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शक की भी नीयत होती है, कोई कह नहीं पाता तो कोई फैला देता है।

उम्र बढ़ने के साथ समझ आता है कि मन की शांति, सुकून भरा जीवन किसी जुनून, नए विचार और एक के बाद एक लक्ष्यों से बहुत बढ़कर है। इसीलिए मेरी उम्र बढ़ नहीं रही।

उम्र बढ़ने के साथ समझ आता है कि मन की शांति, सुकून भरा जीवन किसी जुनून, नए विचार और एक के बाद एक लक्ष्यों से बहुत बढ़कर है। इसीलिए मेरी उम्र बढ़ नहीं रही।

जो लोग भगवान की प्रार्थनाओं को नहीं मानते, वे भी इंसान की शुभकामनाओं को मानते हैं।

जो लोग भगवान की प्रार्थनाओं को नहीं मानते, वे भी इंसान की शुभकामनाओं को मानते हैं।

करोड़ों रुपए होने का अहंकार बड़ा है, उससे भी बड़ा है करोड़ रुपए छोड़ने का अहंकार। तब कहते हैं, करोड़ को रोड पर फेंक दिया।

आज की दुनिया में सबसे ज़्यादा खुशकिस्मत वो है, जिसका मोबाईल खोने के बाद भी मिल जाए।

शब्द ही माईका है कौन कहता है कि, वर्चस्व बाप का है।

कभी-कभी किसी चैप्टर के कुछ पन्नों को पढ़कर ही चैप्टर बंद कर देना, किताब के लिए ठीक रहता है। खास तौर पर तब, जब उस किताब का नाम ज़िंदगी हो।


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