समझना जरा मुश्किल है जब भी दिल मे अंबार हो बस कलम चालू हो जाती है Follow me on https://youtube.com/channel/UC-sZwzCCq1Hb9OZw21r99lw
Share with friendsतेरे तससवुर से ही इतने बेताब हैं सोच तेरे रूबरू होने का आलम क्या होगा खुदा भी क्या चीज़ है ख़ुद अज़ीज़ रहने के लिए तुझे क़रीब होने नहीं
किसी को देखकर सुनकर आई प्रेरणा चंद पल रहती है लेकिन ख़ुद के अंदर से आई प्रेरणा की आवाज़ एक मुक़ाम तक पहुँचाने के बाद भी ज़िंदा रहती है
बारिश जब भी आती है साथ ढेरों क़िस्से लाती है किसी के लिए मिलन का मौसम है तो किसी को जुदाई की याद दिलाती है
ज़िंदगी यादों का सिलसिला है जिसमें हर इन्सान सिमटा हुआ है आज का वक़्त कल के लिए याद होगा तो हम पर है बुरी या अच्छी यादें बुनना
हाँ मेरे पापा मुझे अकेले कही जाने नहीं देते फ़िकर ही है मेरी कोई बहाने नहीं होते अरे क्यों कि मेरे अलावा उनके दिल के कही ठिकाने नहीं होते
हाँ मेरे पापा मुझे अकेले कही जाने नहीं देते फ़िकर थोड़ी ज़्यादा है कोई बहाने नहीं होते अरे बेसमझ क्यों कि मेरे दिल के अलावा उनके कोई ठिकाने नहीं होते..
अलविदा कहने भर से कोई जुदा नहीं होता दिल मे बसी यादो का खत्म नही सिलसिला होता विदाई किसी की भी हो सही.नहीं जाती रुसवाई बिना मजबूरी के की नही जाती
टूटा है दिल हमारा भी पर ग़म छिपा लिया करते है मुस्कुराते है इस क़दर कि लोग हमें ख़ुशनुमा समझते है मिलना और बिछड़ना हांथ में इंसान के होता तो शमशान का नामोनिशान न होता