तुम बिन सोचे भी तो क्या सोचे
अब तो तेरे बिन कुछ सोच भी आता नहीं।
०३.०६.२०२२
तुमसे वादा है मेरा
कि दिल न दुखाऊंगा कभी,
दूर होना तो नहीं चाहता तुझसे
पर तुम्हारी खुशी के लिए
हो जाऊंगा दूर जब तुम कहोगी तभी।
कविराज...
एक उम्मीद का दीया
बनकर तुम मेरे
हृदय में जला करो
बात नहीं करते मुझसे
तो क्या याद भी नहीं करते
या चुप ही रहते हो
जैसे हो जाते थे झगड़ते झगड़ते।
कविराज...
उनको भी रंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं जो रंग बदलने में माहिर हैं।
कविराज...
झूठ के पुलिंदो पर
रिश्ते की बुनियाद नहीं टिकते।
कविराज...
झूठ के पुलिंदो पर
रिश्ते की बुनियाद नहीं टिकते।
कविराज...
साल भर गुजार दूं
तेरी यादों के साए में सनम,
बस एक बार कहदे जो तू
हम सिर्फ तुम्हारे हैं सनम।
कविराज...
उसके शहर के कुछ लोग मुझसे मिलने आए हैं
जख्म देकर उन्हीं जख्मों को सिलने आए हैं
और मुझे कहते हैं वतन परस्त हो तुम
वतन परस्त हो तुम ............,
ओ जानते नहीं हम वतन के वास्ते
वतन पर मिटने आए हैं।
२८.१२.१९
कविराज...